हर विम्ब में दिखती तेरी झलक
हर भजन में सुनता तेरा अलख
हर रूप में दिखता है तू अब
बता! जरा मिलेंगे हम कब?
सावन तेरे लिए आया है
फूल हैं तेरे लिए खिलें
झूले तुझको ढूँढ रहे हैं
बता! कौन से मौसम में मिलें?
बिखराती हवा है तेरी खुशबू
झुकी कदम्ब है तेरी काया
सूरज की चमक तेरे चेहरे से
बता! तू क्यूँ मिल नहीं पाया?
चिड़ियों के हर गान में तू है
मुस्कान में तेरा ही व्यवहार
शीतलता तुझसे चंदा में
बता! मिलन का कब त्यौहार?
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