सुबह की धुंध और साँझ की छाया
क्या किसी अंतर को व्यक्त करते हैं
या फिर यह परिवर्तन का संकेत है
कि, समय सर्वदा गतिशील रहता है!
सुबह का अंधेरा, अँधेरा मिटने का एहसास
गौधूली और सूरज डूबने का प्रतिबिंब
एक का दूसरे के बाद आना
कि, समय सर्वदा गतिशील रहता है!
सुबह की काली परत चिड़ियों का चहकना
साँझ की बिखरी लालिमा, घोंसलों में लौटना
परिदृश्य है चिरकाल का सर्वव्यापी होना
कि, समय सर्वदा गतिशील रहता है!
सुबह का बदलाव, साँझ का परिवर्तन
बीच में बिखरे समय का आभामंडल
अनादि का अंत से, अंत का अनादि से
कि, समय सर्वदा गतिशील रहता है!
-अमर कुशवाहा
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