Tuesday, March 29, 2022

अपने-अपने क़िरदार

काश!
कभी-कभी
हम बदल पाते
अपने-अपने क़िरदार!

तो शायद मैं जान पाता कि,
अचानक से तुम्हारी आँखों में
आँसूं क्यों आ जाते हैं?
तो शायद तुम जान पातीं कि,
मैं इतना बातूनी होकर भी यूँ हीं
चुप क्यों हो जाता हूँ?

तो शायद मैं जान पाता कि,
तुम इतनी बातूनी होकर भी
अक्सर चुप क्यों रह जाती हो?
तो शायद तुम जान पातीं कि,
किसी भी बात पर मेरी आँखों में
आँसूं क्यों नहीं आते?

काश!
कभी-कभी
हम बदल पाते
अपने-अपने क़िरदार!

1 comment:

ज्ञानेन्द्र said...

अत्यंत सुंदर 😊